इसी हफ़्ते बिहार में सुपौल ज़िले के राघोपुर में रहने वाले दो युवकों की कश्मीरी लड़कियों से शादी की बात सामने आई.
सगे
भाई मोहम्मद मोहसीन और मोहम्मद परवेज़ कश्मीर की दो सगी बहनों से शादी
करके पाँच अगस्त को सुपौल आए थे. लेकिन लड़कियों के पिता ने बेटियों को नाबालिग़ बताकर थाने में अपहरण का मुक़दमा दर्ज करा दिया. इसके बाद कश्मीर पुलिस इसी हफ़्ते गुरुवार को दोनों लड़कों समेत लड़कियों को सुपौल से ट्रांज़िट रिमांड पर कश्मीर वापस ले गई है.
इधर जब मामला सुपौल की राघोपुर पुलिस के पास पहुंचा तो दोनों लड़कों और लड़कियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया लेकिन लड़कियों ने पुलिस के सामने यह बयान दे दिया कि वे अपने प्यार के लिए कश्मीर छोड़कर सुपौल आई हैं.
उनका यह भी कहना है कि वो बालिग़ हैं और
सबूत के तौर पर उन्होंने पुलिस के सामने कोर्ट मैरिज का सर्टिफ़िकेट भी पेश किया लेकिन कश्मीर पुलिस को उनकी तलाश अपहरण के एक मामले में थी, इसलिए सबको कश्मीर ले जाया गया है.
रामबन की एसएसपी अनिता शर्मा ने बीबीसी को बताया, "लड़कियों और लड़कों को कश्मीर पुलिस वापस लेकर आ रही है. वो रास्ते में हैं. जैसे ही वे यहां पहुंचेंगे उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा. वहीं ये बात भी पता चल जाएगी कि वे बालिग़ हैं या नाबालिग़. उसके बाद अदालत फ़ैसला करेगी कि उनके साथ क्या करना है."
इससे पहले उन्होंने कश्मीर के रामबन ज़िले में कोर्ट मैरिज भी की थी.
फ़िलहाल लड़कों के घरवालों का हाल ये सोच-सोचकर बुरा होता जा रहा है कि उनके साथ पुलिस किस तरह से बर्ताव कर रही है, उन्हें कहाँ और कैसे रखा गया.
शुक्रवार को जब स्थानीय पत्रकार सुभाष चंद्र लड़कों के घर पहुंचे तो उन्हें बात करने के लिए कोई नहीं मिला. घर की महिलाएं बात नहीं करना चाहती थीं. सारे पुरुष काम पर गए थे.
सुभाष कहते हैं कि सुपौल के जिस इलाक़े (राघोपुर) से लड़के ताल्लुक रखते हैं, वहां की अधिकतर अबादी बाहर मज़दूरी के लिए गई है.
युवकों के एक परिजन मोहम्मद कैलू ने बताया, "घरवाले परेशान हैं. उन्हें नहीं पता कि उनके लड़के कहां हैं और किस हाल में हैं. वे स्थानीय पुलिस और थाने के चक्कर लगा रहे हैं. घरवालों का सवाल है कि आख़िर उनके बच्चों को किस बात के लिए जेल में डालने के लिए ले जाया गया है जबकि उन्होंने लड़कियों की सहमति पर शादी की है. अदालत का प्रमाण भी है. इसके अलावा पुलिस को और क्या चाहिए था."
कश्मीर के रामबन की एसएसपी अनिता बताती हैं कि लड़कियों के पिता युसूफ़ ने अपनी बेटियों के अपहरण का मामला दर्ज कराया था.
उन्होंने बताया, "पुलिस ने तकनीकी मदद लेकर जांच शुरू की तो पहले पता चंडीगढ़ का चला. लेकिन वहां लड़कों के एक रिश्तेदार से ही मुलाक़ात हो सकी. उन्हीं से पूछताछ के बाद हमें पता चला था कि लड़कियां सुपौल में हैं. इसके बाद हमने अपनी टीम को भेजा."
जिस दिन (बुधवार को) कश्मीर पुलिस की टीम लड़कियों और लड़कों का पता लगाकर सुपौल पहुंची, उसके बाद सभी को राघोपुर थाने में बुलाया गया. उसी दिन मीडिया और पुलिस की पूछताछ में दोनों लड़कियों ने यह बयान दिया था कि वे अपनी मर्जी से यहां आई हैं, क्योंकि उन लड़कों के साथ उन्होंने कोर्ट मैरिज कर ली है और अब साथ में रहना चाहती हैं.
उन्हीं में से एक लड़की से मीडियाकर्मियों ने जब यह पूछा कि क्या वे वापस कश्मीर चली जाएंगी?
जवाब में उन्होंने कहा, "हम अपनी मर्ज़ी से यहां आए हैं. कोर्ट में शादी करके आए हैं. अब यही रहेंगे. यह हमारा घर है. कश्मीर क्यों जाएंगे?"
No comments:
Post a Comment